स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन : अमर शहीद श्रीदेव सुमन ( Sri Dev Suman ) का जन्म उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जनपद के जौल गांव में 25 मई, 1915 को हुआ था। उनके पिता का नाम पं. हरिराम बडौनी एक वैद्य तथा माता तारा देवी गृहणी थी । श्रीदेव सुमन केवल 3 वर्ष के थे कि पिता का आकस्मिक निधन हो गया। पिता की मृत्यु के बाद परिवार का लालन -पोषन माता तारा देवी ने किया ।
शिक्षा दीक्षा :-
श्रीदेव सुमन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा टिहरी जनपद के चंबा स्कूल से उत्तीर्ण की और सन 1929 ई0 में टिहरी से मिड़िल परीक्षा उत्तीर्ण की । तत्पशचात वे कई प्रमुख व्यक्तियों के सम्पर्क में आये। इसी दौरान श्रीदेव सुमन सन् 1930 के नमक स्त्याग्रह शामिल हो गए ओर इस सिलसिले में उन्हे 13-14 दिन जेल में रखा गया और नाबालिग समझ कर उन्हें छोड़ दिया। वे हिन्दू, धर्मराज, राष्ट्रमत, कर्मभूमि जैसे हिन्दी व अंग्र्रेजी पत्रों के सम्पादन से जुड़े रहे. वे ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ के भी सक्रिय कार्यकर्ता थे
स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जीवन की महत्वपूर्ण तिथियां :
➢ 17 जून 1937 को ‘‘सुमन सौरभ’’ नाम से अपनी कविताओं का संग्रह प्रकाशित
➢ 1938 में पृथक राज्य उत्तराखंड की मांग के लिए श्रीदेव सुमन ने गढ़देश सेवा का गठन किया . जिसे बाद में हिमालय सेवा संघ के नाम से जाना जाने लगा
➢ सन् 1938 में ही उनका विवाह पडियार गांव की कन्या विनयलक्ष्मी के संग हुआ।
➢ 23 जनवरी 1939 को देहरादून में टिहरी राज्य प्रजा मण्डल की स्थापना हुई ।श्रीदेव सुमन इसके संयोजक मंत्री चुने गये।
➢ सन् 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान उन्हें 15 दिन की जेल हुई
➢ सन् 1944 में उन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ.
➢ श्रीदेव सुमन ने 3 मई 1944 से अपना एतिहासिक अनशन शुरु कर दिया।
➢ 25 जुलाई 1944 को स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन की मृत्यु। तब से प्रतिवर्ष 25 जुलाई को उनकी स्मृति में ‘सुमन दिवस’मनाया जाता है।
जन्म :
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25 मई, 1915
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जन्म स्थान
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जौल गांव
|
जनपद :
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टिहरी गढ़वाल
|
मृत्यु :
|
25 जुलाई 1944
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शिक्षा दीक्षा :-
श्रीदेव सुमन ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा टिहरी जनपद के चंबा स्कूल से उत्तीर्ण की और सन 1929 ई0 में टिहरी से मिड़िल परीक्षा उत्तीर्ण की । तत्पशचात वे कई प्रमुख व्यक्तियों के सम्पर्क में आये। इसी दौरान श्रीदेव सुमन सन् 1930 के नमक स्त्याग्रह शामिल हो गए ओर इस सिलसिले में उन्हे 13-14 दिन जेल में रखा गया और नाबालिग समझ कर उन्हें छोड़ दिया। वे हिन्दू, धर्मराज, राष्ट्रमत, कर्मभूमि जैसे हिन्दी व अंग्र्रेजी पत्रों के सम्पादन से जुड़े रहे. वे ‘हिन्दी साहित्य सम्मेलन’ के भी सक्रिय कार्यकर्ता थे
स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन के जीवन की महत्वपूर्ण तिथियां :
➢ 17 जून 1937 को ‘‘सुमन सौरभ’’ नाम से अपनी कविताओं का संग्रह प्रकाशित
➢ 1938 में पृथक राज्य उत्तराखंड की मांग के लिए श्रीदेव सुमन ने गढ़देश सेवा का गठन किया . जिसे बाद में हिमालय सेवा संघ के नाम से जाना जाने लगा
➢ सन् 1938 में ही उनका विवाह पडियार गांव की कन्या विनयलक्ष्मी के संग हुआ।
➢ 23 जनवरी 1939 को देहरादून में टिहरी राज्य प्रजा मण्डल की स्थापना हुई ।श्रीदेव सुमन इसके संयोजक मंत्री चुने गये।
➢ सन् 1942 में भारत छोड़ों आंदोलन के दौरान उन्हें 15 दिन की जेल हुई
➢ सन् 1944 में उन पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज हुआ.
➢ श्रीदेव सुमन ने 3 मई 1944 से अपना एतिहासिक अनशन शुरु कर दिया।
➢ 25 जुलाई 1944 को स्वतंत्रता सेनानी अमर शहीद श्रीदेव सुमन की मृत्यु। तब से प्रतिवर्ष 25 जुलाई को उनकी स्मृति में ‘सुमन दिवस’मनाया जाता है।
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