उत्तराखंड राज्य आन्दोलन महत्वपूर्ण घटनाएं
(2) 1938 में श्रीदवे सुमन ने दिल्ली में गढ़ देश सेवा संघ की स्थापना की जिसे बाद में ‘हिमालय सेवा संघ’ नाम दिया गया।
(3) 1946 हल्द्वानी सम्मेलन में बद्रीदत्त पाण्डे द्वारा पर्वतीय क्षेत्र को विषेश दर्जा तथा अनसूया प्रसाद बहुगुण द्वारा कुमाऊँ गढ़वाल को पृथक इकाई के रुप में गठित करने की माँग की थी ।
(4) आजादी के बाद 1950 में हिमालयी राज्य (हिमाचल और उत्तराखण्ड) के लिए ‘पर्वतीय जन विकास समिति’ का गठन।
(5) 1952 में माक्र्सवादी नेता पूरण सिंह जोशी द्वारा आवाज उठाई गयी।
(6) 1954 में विधान परिषद् के सदस्य इन्द्र सिंह नयाल द्वारा उ॰प्र॰ के मुख्यमंत्री गोविन्दबल्लभ पन्त से पर्वतीय क्षेत्र के लिए पृथक विकास योजना बनाने का आग्रह किया।
(7) 1955 में फजल अली आयोग ने उ॰प्र॰ के पुनर्गठन आयोग की बात इस क्षेत्र को अलग राज्य बनाने के उद्देश्य से की थी।
(8) उत्तराखंड क्रांति दल की 1979 में स्थापना और, अलग राज्य की मांग।
(9) उत्तराखंड क्रांति दल के प्रथम अध्यक्ष देवी दत्त पंत बनाये गये।
(10) 1988 ई0 में शोबन सिंह जीना द्वारा उत्तरांचल उत्थान परिषद् की स्थापना की गयी।
(11) तत्कालीन भाजपा सरकार ने 20 अगस्त 1991 ई0 को पहली बार पष्थक उत्तरांचल के गठन हेतु केद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा।
(12) 1993 ई0 में मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने अलग राज्य की मांग को देखते हुए ‘कौषिक समिति’ का गठन किया।
(13) 1 सितम्बर 1994 ई0 को खटीमा में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गयी। और 25 लोगों की मृत्यु हुई।
(14) 2 सितम्बर 1994 को मसूरी में प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी की गयी, 8 लोगों की मौत।
(15) 2 अक्टूबर 1994 को रामनगर तिराहा, मुजफ्फर नगर में फिर से प्रदर्शनकारियों पर गोलाबारी, 8 लोगों की मौत।
(16) 3 अक्टूबर को देहरादून में प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गयी।
(17) 15 अगस्त 1996 को तत्कालीन प्रधानमंत्री देवेगौड़ा ने लाल किले से पृथक राज्य की घोषणा की।
(18) 1 अगस्त 2000 को विधेयक लोकसभा में तथा 10 अगस्त को राज्यसभा में पारित हो गया।
(19 ) 9 नवम्बर 2000 को 27 वें राज्य के रूप में उत्तराँचल के नाम से अलग राज्य का गठन।
(20 ) 1 जनवरी 2007 को राज्य का नाम आधिकारिक रुप से उत्तरांचल से बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया।
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