List Of Environmental Movements in Uttarakhand
Dear Readers
Today We are Posting about List Of Famous Environmental Movements in Uttarakhand in Uttarakhand GK section .So here is the list of Important Forest Movements In Uttarakhand.
List Of Environmental Movements in Uttarakhand
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Rawai Movement Uttarakhand
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Chipko Movement Uttarakhand
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Pani Rakho Movement Uttarakhand
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Raksha Sutra Movement Uttarakhand
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Maiti Movement Uttarakhand
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उत्तराखंड के वन आंदोलन (उत्तराखंड सामान्य ज्ञान )
रवाई आंदोलन उत्तराखंड • महाराजा नरेन्द्र शाह के समय टिहरी रियासत में हुई घोषणा के द्वारा किसानों की भूमि वन भूमि में शामिल कर उसे राजा के अधीन कर दिया गया।
• इसके विरूद्ध आजाद पंचायत का गठन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों की भूमि तता वन भूमि पर जनता का अधिकार वापस दिलाना था।
• 30 मई 1930 को आजाद पंचायत की एक बैठक में चक्रधर जुयाल द्वारा गोलियाँ चलायी गई जिसे तिलाड़ी काण्ड कहा जाता है।
चिपको आंदोलन उत्तराखंड
• इस आंदोलन की शुरूआत 1974 में गौरा देवी द्वार रैणी गाँव चमोली से की गई।
• इस कारण गौरा देवी को चिपको वूमन कहा जाता है।
• चिपको आंदोलन की सर्वप्रथम शुरूआत 18 वीं सदी में राजस्थान से हुयी थी।
• चिपको आँदोलन को सुन्दर लाल बहुगुणआ और चण्डी प्रसाद भट्ट ने विश्व स्तर तक पहुँचाया।
• इस के लिए चण्डी प्रसाद भट्ट को 1981 का रमन मैग्सेसे पुरूस्कार दिया गया।
• चणअडी प्रसाद भट्ट ने चिपको कआंदोलन से संबंधित दल्यो दगड्या नामक सामाजिक संस्था की स्थापना की।
• चिपको आंदोलन के दौरान प्रमुख नारे
हिमपुत्रियों की ललकार वन नीति बदले सरकार
बन जागे वनवासी जागे
क्या है इस जंगल के उपकार मिट्टी पानी और क्या जिंदा रहने के आधार
डूंगी-पैंतोली आंदोलन उत्तराखंड
• यह आंदोलन चमोली जनपद के डूंगी पौंतोली नामक स्थान पर बाँज के वन काटने से रोकन के लिए प्रारम्भ किया गया।
पाणी राख्यो आंदोलन उत्तराखंड
• सच्चिदानंद भारती ने ने ऊफेर खाल पौढ़ी से इस आंदोलन की शुरूआत की ।
• यह आंदोलन इस क्षेत्र में पानी की कमी को के लिए चलाया गया।
• इस आंदोलन के तहत महिला मंगल दलों का गठन किया गया।
• सच्चिदानन्द को 2015 के भागीरथ प्रयत्न पुरूस्कार स सम्मानित किया गया।
रक्षा सूत्र आंदोलन उत्तराखंड
• इस आंदोलन की शुरूआत 1994 में टिहरी में हुई थी।
• इसके द्वारा पेड़ पर रक्षा सूत्र बाँधकर उनकी रक्षा का वचन दिया जाता था।
झपटो-छीनो आंदोलन
• मुख्य रूप से चमोली में प्रारम्भ हुआ। 1998 में कुछ ग्रामीण नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क में अपना अधिकार मानते हुए पालतू पशुओं को लेकर घुस गये थे।
• यह रैणी रैणी लाता गाँव (टिहरी) में भी हुआ था।
मैती आंदोलन उत्तराखंड
• कल्याण सिंह रावत ने 1996 में इस आंदोलन की शुरूआत की थी।
• इसमें विवाह के समय वर वधू एक वृक्ष लगाते हैं।
• जिसकी देखभाल की जिम्मेदारी मायके की होती है।
• इस आंदोलन के दौरान कल्याण सिंह रावत ने चमोली में हिमालय वन्यजीव संस्थान की स्थापना की और शौर्य वन , मैती वन , नंदा देवी स्मृति वन की स्थापना की।
• इस आंदोलन के कारण कल्याण सिंह रावत को मैती कहा जाता है।
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