Uttarakhand GK Rivers In Uttarakhand Download PDF
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यमुना नदी तंत्र – उदगम स्थल – उत्तरकाशी के बन्दरपूंछ पर्वत के यमुनोत्री हिमनद के यमुनोत्री कांठा नामक स्थान से। लम्बाई – 136 किमी प्रमुख सहायक नदी – ऋषिगंगा, हनुमानगंगा, कृष्णागाड, बनाड़गाड़, भद्रीगाड़, कमलगाड़ खुतनुगाड़, बरनीगाड़, मुगरागाड़, गडोलगाड़, पुज्यारगाड़, टोन्स, आसन आदि यमुना नदी राज्य के पश्चिमी सीमा में बहती है तथा उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश की सीमा बनाती है। कृष्णागाड़ – यह यमुना की पहली सहायक नदी है जो बड़कोट नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। मुरागाड़ – यह नदी यमुना की दूसरी सहायक नदी है । कमलगाड़ या कमलगंगा – कमलगाड़ यमुना से उत्तरकाशी के नौगांव नामक स्थान पर मिलती है। इसके बाद यमुना में बरनीगाड़ मिलती है। रिखनगाड़ – देहरादून के लाखामण्डल नामक स्थान पर यमुना से मिलती है। भद्रीगाड़ – भद्रीगाड़ यमुना से टिहरी के नैनबाग नामक स्थान पर संगम बनाती है। अगलाड़ी नदी – यह नदी यमुना से नैनबाग से थोड़ा आगे जाकर यमुना पुल पर मिलती है। इसके बाद यमुना नदी देहरादून के जुड्डां नामक पहुंचती है जहां पर लखवाड़ बांध परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है। |
टोंस नदी उपतंत्र – लम्बाई – 148 किमी उत्तरकाशी के बंदरपुंछ पर्वत के उत्तरी ढाल के स्वर्गारोहिणी ग्लेशियर से निकलने वाली सूपिन और हिमाचल प्रदेश के डोडरा क्वाल क्षेत्र से निकलने वाली रूपिन नदी उत्तरकाशी के नेटवाड़ नामक स्थान पर मिलन होता है। यह दोनो नदी आगे चल कुछ क्षेत्र तक तमसा के नाम से जानी जाती है और फिर टोंस नदी के नाम से जानी जाती है। टोंस नदी पर ही इच्छाड़ी बांध है जोकि उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश की संयुक्त परियोजना है। टोंस नदी और यमुना का मिलन देहरादून के कालसी नामक स्थान पर होता है। |
गंगा नदी तंत्र – भगीरथी तथा अलकनंदा उपतंत्र – अलकनंदा उपतंत्र – उदगम स्थल – अलकनंदा का उदगम उत्तरकाशी और चमोली की सीमा पर स्थित स्वर्गारोहणी पर्वत शिखर के उत्तरपूर्वी ढाल पर स्थित सतोपंथ ग्लेशियर से है। सहायक नदी – लक्ष्मण गंगा, सरस्वती, पश्चिमी धौलीगंगा, विरथी, बालखिला, नंदाकिनी, पिंडर व मंदाकिनी आदि नदियां है। जल प्रवाह की दृष्टि से देखा जाये तो अलकनंदा राज्य की प्रमुख नदी है। अलकनंदा नदी में सर्वप्रथम लक्ष्मण गंगा नामक एक छोटी सी नदी मिलती है । सरस्वती नदी – सरस्वती नदी का उदगम स्थल कामेत पर्वत पर स्थित देवताल के रताकोंना नामक गांव (माणा) है। सरस्वती नदी और अलकनंदा का संगम केशव प्रयाग के होता है। नोट – केशव प्रयाग पंचप्रयागों में नहीं गिना जाता है। विष्णुप्रयाग - यहां पर पश्चिमी धौलीगंगा और अलकनंदा नदी का संगम होता है। नन्द प्रयाग - यहाँ पर नन्दाकिनी और अलकनंदा नदी का संगम होता है। कर्णप्रयाग - यहाँ पर अलकनंदा और पिंडर नदी का संगम होता है । रुद्रप्रयाग - अलकनंदा नदी और मंदाकिनी नदी का मिलन रुद्रप्रयाग में होता है। देवप्रयाग - यहां पर अलकनंदा और भागीरथी नदी का संगम होता है। पंच प्रयाग में सबसे कम ऊचांई वाला प्रयाग है। भागीरथी नदी उपतंत्र – भागीरथी नदी का उद्गम स्थल – उत्तरकाशी व चमोली जिले की सीमा पर स्थित शिवलिंग पर्वत के उत्तर-पूर्वी ढाल पर स्थित गंगोत्री हिमनद के गोमुख नामक स्थान है। भागीरथी की सहायक नदियाँ – केदारगंगा – भागीरथी की प्रथम सहायक नदी केदारगंगा है। जोकि केदारताल से निकलती है। जाड़ या जाहवी नदी – इस नदी का उद्गम थांग्ला दर्रे के टकनौर नामक स्थान से है। यह नदी भैरो घाटी में भागीरथी के साथ संगम बनाती है। मिलुनगंगा – यह भी भागीरथी नदी की सहायक नदी है। रुद्रगंगा – रुद्रगंगा का उद्गम स्थल रुद्रगेरा हिमनद है यह नदी गंगोत्री में भागीरथी के साथ संगम बनाती है। अस्सी गंगा – अस्सी गंगा का उद्गम डोडीताल (डयूडीताल) है। यह नदी गंगोरी नामक स्थान पर भागीरथी से मिलती है। सियाल गंगा – सियाल गंगा झाला नामक स्थान पर भागीरथी से संगम बनाती है। भिलंगना नदी – यह नदी टिहरी के खतलिंग ग्लेशियर से निकती है। भिलंगना नदी भागीरथी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है। गणेश प्रयाग – यह क्षेत्र टिहरी जिले में आता है। टिहरी का प्राचीन नाम भी गणेश प्रयाग माना जाता है। इस स्थान पर भागीरथी और भिलंगना नदी का संगम होता है। वर्तमान टिहरी बांध इसी संगम पर बना है। गंगा नदी तंत्र – देवप्रयाग में भागीरथी और अलकनंदा का संगम होने के बाद इन दोनों नदियों को संयुक्त रूप से गंगा के नाम से जाना जाता है। , गंगा नदी की उत्तराखण्ड में सहायक नदियाँ – नयार नदी , चन्द्रभागा नदी ,सौंग नदी रिस्पना व निदांल है। गंगा नदी को राष्ट्रीय नदी का दर्जा 4 नम्बर 2008 दिया गया। इसी के साथ गंगा नदी में पायी जाने वाली डाॅलफिन को राष्ट्रीय जलीया जीव का दर्जा दिया गया। काली नदी काली नदी इसे श्यामा नदी के नाम से भी जाना जाता है । उदगम स्थल – लिपुलेख दर्रे के पास स्थित कालापानी नामक स्थान स्थान से निकलती है। प्रमुख सहायक नदी – कुटियांग्टी, धौलीगंगा, गौरीगंगा, सरयू, लोहावती, लधिया आदि। पुराणों (स्कन्दपुराण) में काली नदी को श्यामा नदी कहा जाता है। सरयू नदी – सरयू नदी का उद्गम स्थल बागेश्वर में स्थित सरमूल क्षेत्र है यह नदी कुमाऊँ की सबसे पवित्र नदी है इसी नदी के तट पर बागेश्वर नगर स्थित है जहां पर डोबरा श्रेणियों से निकलने वाली गोमती नदी सरयू में आकर मिल जाती है अर्थात सरयू नदी और गोमती का संगम बागेश्वर में होता है। लधिया नदी – इस नदी का उद्गम स्थल पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, नैनीताल के मिलन बिन्दु के गजार से है। लधिया नदी चम्पावत के चूका नाम स्थान पर काली नदी में मिल जाती है। चम्पावत के टनकपुर नाकम स्थापन पर ही काली उत्तराखण्ड से बहार निकल कर नेपाल में प्रवेश करती है। जहां इसे शारदा के नाम से जाना जाता है। |
उत्तराखण्ड की कुछ अन्य प्रमुख नदियाँ – (1) पश्चिमी राम गंगा – यह नदी पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा जनपद में फैले दूधातोली के पूर्वी ढाल से निकलती है और पौड़ी जिले के कालागढ़ नामक स्थान से राज्य की सीमा से बहार चली जाती है। यह नदी उत्तरप्रदेश के कन्नौज में गंगा नदी में मिल जाती है। (2) खोह नदी – पौड़ी के दुगड्डा से कोटद्वार में बहती है। यह नदी कोटद्वार से आगे भूमिगत हो जाती है। (3) कोसी नदी – यह नदी बागेश्वर जनपद में स्थित कौसानी के धारपावी नामक स्थान से निकलती है। यह नदी रामनगर होते हुये उत्तरप्रदेश में प्रवेश करती है। कोसी नदी की प्रमुख सहायक नदी मितोलगाड़, सुमाली गाड आदि कोसी नदी से निर्मित घाटी को कुमाऊँ में धान का कटोरा कहा जाता है। (4) गौला या गार्गी नदी – यह नदी नैनीताल जनपद में स्थित पहाड़पानी से निकलती है तथा काठगोदाम से आगे मैदानी भाग में प्रवेश करती है। कालसा नदी तथा करालीगाड इसी प्रमुख सहायक नदियां है। (5) दाबका नदी – यह नदी नैनीताल जनपद में स्थित गर्मपानी नामक स्थान से निकलती है तथा ऊधम सिंह नगर में स्थित बाजपुर क्षेत्र से उत्तप्रदेश में प्रवेश करती है। (6) भाकरा या बाकरा नदी – यह नदी नैनीताल जनपद से निमलती है। यह शिवालिक श्रेणी से निकने वाली नदी है। (7) देओहा नदी – यह नदी नैनीताल जनपद से निकलती है तथा ऊधम सिंह नगर के क्षेत्र से राज्य से बहार चली जाती है। (8) नांधौर नदी – नैनीताल के चोरगलियारा के पास निकलकर नानकसागर झील (ऊधम सिंह नगर) में समाहित हो जाती है। पौड़ी, चमोली, अल्मोड़ा जनपद में फैले दूधातोली के पठार से 5 नदियां निकलती है जो निम्नलिखित है – पूर्वी नयार, पश्चिमी नयार, आटागाड़, पश्चिमी रामगंगा, विबोग नदी। |
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